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International Womens Day 2024 : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस जानिए प्रथम महिलाओ का भारत इतिहास में योगदान

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International Womens Day

International Womens Day अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से हर साल 8 मार्च को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं का समाज में उनके योगदान को सम्मान देने के रूप में मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य न केवल महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना है, बल्कि उन्हें समाज में समानता, सम्मान और स्वतंत्रता के साथ जीने का अधिकार प्राप्त करने की प्रेरणा भी देना है। इस दिन के माध्यम से हम नारी शक्ति को समर्पित करने और महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति में सुधार के लिए प्रतिबद्ध होते हैं।

भारतीय इतिहास में भी महिलाओं का बहुत योगदान रहा है महिलाओं भारतीय समाज की परंपरागत सोच को तोड़कर उन्नति के मार्ग में अपना रास्ता बनाया है। ऐसी ही महिलाओं की अनेको संघर्ष और समृद्धि कहानी हमें प्रेरित करती हैं। नीचे नीचे दी हुई सूची में महिलाओं ने भारत के इतिहास में प्रमुक क्षेत्र पहली महिला बनकर अपना नाम दर्ज कराया और आगे आने वाली पीढ़ी की महिलाओं के लिए उन्नति करने का मार्ग दिखाए है। आइए उनकी उपलब्धियों का सम्मान करें और भावी पीढ़ियों को प्रेरित करें।

1)सावित्रीबाई फुले (1848) – प्रथम भारतीय महिला शिक्षिका

सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षकों में से एक थी। इसके साथ साथ वह एक समाज सुधारक और कवयित्री भी थीं। उन्होंने महाराष्ट्र में अपने पति के साथ मिलकर भारत में महिलाओं के अधिकारों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें भारत के नारीवादी आंदोलन की अग्रणी माना जाता है।

सावित्रीबाई फुले (1848) International Womens Day

2)सरला ठकराल (1936) – प्रथम भारतीय महिला पायलट

सरला ठकराल भारत में विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला थी। सरला को ‘मति’ नाम से भी पुकारा जाता था। सरला ठकराल ने 21 वर्ष की आयु में 1936 में एक विमानन लाइसेंस अर्जित करके विमान को अकेले उड़ाया था।

सरला ठकराल (1936) International Womens Day

3)कैप्टन लक्ष्मी सहगल (1943) – प्रथम भारतीय महिला सेना अधिकारी

लक्ष्मी सहगल भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की एक क्रांतिकारी में से एक थी। वह आज़ाद हिंद सेना की एक प्रथम भारतीय महिला सेना अधिकारी और आज़ाद हिंद सरकार में महिला मामलों की मंत्री भी थीं। लक्ष्मी सहगल को आमतौर पर भारत में कैप्टन लक्ष्मी के रूप में सम्भोदित किया जाता है।उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्मा में बंदी बनाए भी बनाया गया था।

कैप्टन लक्ष्मी सहगल (1943) International Womens Day

4)आनंदी गोपाल जोशी (1887) – प्रथम भारतीय महिला चिकित्सक

आनंदीबाई जोशी का जन्म पुणे शहर में हुवा था। वह भारत की पहली भारतीय चिकित्सक महिला बनी जिन्‍होंने डॉक्‍टरी की डिग्री ली थी। जिस दौर में महिलाओं की शिक्षा में आभाव था। उस समय में उन्होंने विदेश जाकर डॉक्‍टरी की डिग्री हासिल करके बाकि महिलओ के लिए एक मिसाल है।

आनंदी गोपाल जोशी (1887) International Womens Day

5)सुरेखा यादव (1988) – प्रथम भारतीय महिला ट्रेन ड्राइवर

सुरेख यादव भारतीय रेलवे की पहली महिला रेलगाड़ी चालक हैं। उन्होंने पहली बार ट्रैन वर्ष 1988 में चालयी थी। अप्रैल 2000 में तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी द्वारा पहली बार चार महानगरीय शहरो में “लेडीज स्पेशल”- लोकल ट्रेन शुरू की गयीं की थी जिसमें उन्हें चालक दल के सदस्यो में शामिल किया गया था।

सुरेखा यादव (1988) International Womens Day

इन महिलाओं ने अपने करियर के दौरान अनेकों मुश्किलों का सामना किया लेकिन हमें उनका साहस, समर्थन और नेतृत्व यह सिखाता है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्धता और दृढ़ इच्छा शक्ति की आवश्यकता होती है उनकी उपलब्धियां का सम्मान करते हुए हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होना चाहिए, ताकि हम भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयासरत करते रहे।

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इस अवसर पर हमें महिलाओं की उपलब्धियों, उनके संघर्षों और उनकी साहसिकता को सराहना चाहिए। हमें उन्हें समाज में उन्नति के मार्ग पर अग्रसर करने के लिए सहारा देना चाहिए और उनके योगदान को सर्वोच्च सम्मान देना चाहिए।

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