Bharat Ratna (भारत रत्न) का इतिहास
Bharat Ratna (भारत रत्न) : भारत रत्न भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसकी शुरुवात साल 1954 की गयी थी। भारत सरकार के केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, यह सम्मान देश के सभी व्यक्ति जाति, पेशे, पद और लिंग को बिना भेदभाव के दिया जाता है। किसी भी क्षेत्र में किए गए सर्वोत्तम कार्य के के लिए भारत रत्न का सम्मान दिया जाता है।
अब तक कुल 58 लोगो को इस सम्मान से नवाजा जा चुका है। भारत सरकार ने इस साल 2024 में भी भारत रत्न का सम्मान देने का ऐलान किया है। जिसका विवरण निचे दिया गया है।
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1.) LAL KRISHNA ADVANI (लाल कृष्ण आडवाणी)
लाल कृष्ण आडवाणी जी ने भारत के उप प्रधान मंत्री के रूप में 2002 से 2004 तक कार्य किया। वह भारतीय जनता पार्टी के सह-संस्थापकों में से एक हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य है। लाल कृष्ण आडवाणी जी अपने समय की राजनीति को गहराई से प्रभावित किया और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मिलकर भाजपा को एक राष्ट्रीय राजनीतिक ताकत बनाया।
2.) CHAUDHARY CHARAN SINGH (चौधरी चरण सिंह)
चौधरी चरण सिंह जी ने पाँचवें प्रधानमंत्री के रूप में जुलाई 1979 से लेकर जनवरी 1980 तक कार्य किया था। चौधरी चरण सिंह जी ने यूपी में भूमि सुधार के मुख्य वास्तुकार थे और यह किसानों के सबसे लोकप्रिय रूप जाने जाते थे। चौधरी चरण सिंह ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में व्यतीत किया।
3.) KARPOORI THAKUR (कर्पूरी ठाकुर)
कर्पूरी ठाकुर जी भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री तथा दो बार मुख्यमंत्री थे। कर्पूरी ठाकुर जी समाजवादी प्रतीक थे। अपने गरीब-समर्थक दृष्टिकोण के लिए जन नायक के नाम से उन्हें काफी लोकप्रियता मिली। इसी लिए उन्हें ‘जननायक’ कहा जाता है।
4.) PV NARASIMHA RAO (पीवी नरसिंह राव)
पीवी नरसिम्हा राव ने भारत के 9 वें प्रधान मंत्री के रूप में 1991 से 1996 तक कार्य किया। पीवी नरसिम्हा राव आन्ध्रा प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। पीवी नरसिम्हा राव ने ‘लाइसेंस राज’ की समाप्ति की और भारतीय अर्थनीति में को मजबूत बनाने का भी काम किया था।
5.) DR MS SWAMINATHAN (डॉ एम एस स्वामीनाथन)
डॉ एमएस स्वामीनाथन एक कृषिविज्ञानी, कृषि वैज्ञानिक, पादप आनुवंशिकीविद्, प्रशासक और मानवतावादी थे। डॉ एमएस स्वामीनाथन को भारत की हरित क्रांति में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए भी जाना जाता है। उनकी पहल ने भारत में मैक्सिकन अर्ध-बौना गेहूं पेश किया, जिससे आधुनिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिला। स्वामीनाथन ने 1949 में आलू, गेहूं, चावल और जूट के आनुवंशिकी पर शोध करके अपना करियर शुरू किया था।
अब तक बहुत व्यक्तिओ को भारत रत्न सम्मान से नवाजा जा चूका है। जिसकी जानकारी न्यूज़ पोर्टल पर दी गयी है।